Sunday, August 29, 2010

भारत : लड्की एक खोज...!!

एक आदमी को खुश रहने को चाहिये ही क्या, एक सुन्दर सुशील बीबी, एक होट गर्लफ़्रेन्ड , एक ओपन फ़रारी, ओर कुछ मिलियन डालर्स. ऒर एक भगवान हे कि पेसे इकठ्ठे करने मै लगा हे ..कभी मन्दिर से, कभी मस्जिद से , कभी गुरुद्वारे सॆ तो कभी चर्च से. अरे उसे समझाओ सारे पेसो का क्या अचार डालेगा इकठ्ठा कर के?? वेटीकन देखो, तिरुपती देखो, गुरद्वारे तो सारे ही अमीर हे, उपर से लोगॊ से हज करवाता है कभि देना भी तो सीखे ..!!…… ओर सारे सेक्सी आइट्म स्वर्ग मे रख रखे है मेनका, उर्वशी … ई. टी . सी. ! एक आध को धरती पर भेज देगा तो उसके यहा कोइ आकाल थोडी ना पड जायेगा. वेसे ही भारत मे १००० लड्कॊ पर मात्र ८०० लड्किया बची हे… उनमे भी काम की विरले ही मिलती हे….

I hate Lord Krishna …कन्हेया ने साला सारा बेलेन्स बिगाड्ने की शुरुआत की थी. खुद तो १६००८ (sixteen thousand and eight ..my god !!!!) पटरानिय़ा रखता था लोग उस को रोल माडल ले के पोलीगेमी करने लगे ..और भुगतना हम जेसॆ गरीबो को पड्ता हे जो बेचारे १ भी एफ़ोर्ड नी कर पाते …!!

भारत की जनसन्ख्या देख कर कभी बडी तसल्ली मिलती हे १.३ बिलियन … बोले तो ५०-६० करोड महिलाये (आधे से थोडा कम) उनमे से एक तो मिलनी ही चाहिये. पर जब आकडे देखता हू तो दिमाग मे खलल ओर दिल मे हलचल मच जाती हे. ५० % शदिशुदा रहे ३० करोड ३० % मुस्लिम + सिख+ इसाई हटा दो बचे करीब २० करोड, मुझे बडा नफ़रत हे रेसिज्म से. बकी ६० % ऒ बी सी . बचे ८ करोड. अब एस टी / एस सी ओर अदर कास्ट हटा दो. बचे ४ करोड आइ हेट कास्टिज्म टू…. अब लड्किया १-२० साल तक कि हटा दो. रहे लगभग ८० लाख (मालला करोडो से लाखो मे आ गया) .. अब ८० मे से कितनी लड्किया ब्राह्मन होगी …ज्यादा से ज्यादा ..१ लाख. उन्मे से भी कितनी लद्किया पहाडी पन्डित होन्गी बस १ हजार ( अब मालला हजारो तक पहुच गया). उन्मे से आधी लड्कियो के तो बोयफ़्रेन्ड होन्गे…..बचे ५०० उन्मे से ५० ही मेरी आर्थिक रेन्ज मे होन्गी. अगर उन पचास मे से किसी से मेरी कुन्ड्लॊ मिल भि गई तो कोइ गारन्टी नही हे कि वो सुन्दर हो … चलो मान लिया कि वो सुन्दर भी हे तो मे उसे इतने बडे भारत मे खोजुन्गा कहा….!!

कुल मिलाकर सुख की खोज मे ये पथिक बूडा भी हो जाय तो कोई नी मिलनी ….सो मस्त रहो….! परन्तु मे सारे जोडॊ (कपल्स) से विनती करुन्गा कि वो कन्या भ्रूण हत्या को बडावा न देकर उनको समान अधिकार से पालित पोषित करे …वरना लडके बडॆ होकर मेरी तरह कम्पलेन करेन्गे कि लड्की नी मिली. … अरे जब प्रोड्क्शन ही कम होगा तो डिमान्ड बडेगी ही … उपर से इतनी महन्गाइ ..खुद् का पेट तो भरता नही लड्की को केसे खिलाओगे …!!

ळड्कियो को बडावा दे … उन्हे शिक्शित करे ताकि वो स्वावलम्बी होकर स्वाभिमान से जिये ओर आपके बुडापे का सहारा बने ….

यत्र नारिनाम पूजयन्ते ….

रमयन्ते तत्र देवता…..

“God lives there where women are worshiped”

पुरुशः हित मे जारी...!!


दवारा : प्रकाश चन्द्र भट्ट ...!!

Sunday, August 22, 2010

Why I miss d gal..!!

Why I miss d gal..!!

I saw an angel at airport,
She flew in aero plane.

I saw her in a platform,
But the train takes her away.

I saw one at the bus stand,
But the bus takes her away.

I saw now, my soul mate at mall,
But she moves in a car.

Finally she was the select one walking in a lonely sidewalk,
I walk to make her mine.
Some bloody bike comes and steels her from me.

I loved the subject automobile during my college,
But I hate automobile now .....!!

PC bhatt !!