Friday, March 18, 2011

कुमाउनी खडी होली

जल केसे भरु जमुना गहरी..
जल केसे भरु जमुना गहरी..

ठाडे भरु राजा राम देखत हे..
बेठि भरु भीगे चुनरि..
जल केसे भरु जमुना गहरी..२

धीरे चलू घर सास बुरी हे ..
ढमकि चलू छल्के गगरी ...
जल केसे भरु जमुना गहरी..२

गोदि मे बालक सर पर गागर.
पर्वत से उतरी गोरि....
जल केसे भरु जमुना गहरी..२

जल केसे भरु जमुना गहरी..
जल केसे भरु जमुना गहरी..