जल केसे भरु जमुना गहरी..
जल केसे भरु जमुना गहरी..
ठाडे भरु राजा राम देखत हे..
बेठि भरु भीगे चुनरि..
जल केसे भरु जमुना गहरी..२
धीरे चलू घर सास बुरी हे ..
ढमकि चलू छल्के गगरी ...
जल केसे भरु जमुना गहरी..२
गोदि मे बालक सर पर गागर.
पर्वत से उतरी गोरि....
जल केसे भरु जमुना गहरी..२
जल केसे भरु जमुना गहरी..
जल केसे भरु जमुना गहरी..
1 comment:
mast......bhaiya as usual...kabhi kabhi likhte ho bt bhavpurn likhte ho
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